रतलाम

फिर गरमाया भू माफिया राजेंद्र पितलिया के बोधि स्कूल घोटाले का मामला,निगम परिषद के सम्मेलन मे पार्षदों ने उठाया मुद्दा,निगम के अधिकारी टालमटोल की मुद्रा में

रतलाम,27 मार्च (इ खबरटुडे)। शहर के कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया द्वारा नगर निगम के कुछ अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर किया गया बोधि स्कूल घोटाला फिर से गरमाने लगा है।आर्थिक अपराध अनुसन्धान ब्यूरो की पुलिस द्वारा भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया के विरुद्ध दर्ज की गई एफआईआर के बाद मंगलवार को यह मामला नगर निगम परिषद के साधारण सम्मेलन में उठा और हैरानी की बात ये है कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी इस घोटाले पर फिर से पर्दा डालने की कोशिश करते हुए नजर आए।

उल्लेखनीय है कि लम्बे अरसे के बाद नगर निगम परिषद का साधारण सम्मेलन मंगलवार को आहूत किया गया था। इस साधारण सम्मेलन में निर्धारित किए गए बिन्दुओं के अलावा कुछ पार्षदों ने जोर शोर से बोधि स्कूल घोटाले का मामला भी उठाया।

जब पार्षदों ने सम्मेलन में यह मामला उठाया,तो निगम परिषद की कार्यवाही में मौजूद निगमायुक्त हिमांशु भट्ट इस पर घिरते हुए नजर आए। आयुक्त हिमांशु भïट्ट ने इस मुद्दे पर निगम प्रशासन का रुख सामने रखते हुए बोधि स्कूल संचालकों को नोटिस जारी करने की बात कही।

नगर निगम परिषद् का साधारण सम्मलेन लम्बे आरसे बाद हो रहा था। जब सामाजिक कार्यकर्त्ता राजेश सक्सेना को जानकारी मिली तो उन्होंने निगम के समस्त पार्षदों को बोधि घोटाले की जानकारी भेजी और पार्षदों से इस मामले को सम्मेलन में उठाने की अपील की। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सम्मेलन में उठाया जिसका सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई पार्षदों ने समर्थन किया। पार्षदों के दबाव का ही असर था कि निगम आयुक्त को इस मामले पर निगम प्रशासन की स्थिति स्पष्ट करने के लिया सामने आना पड़ा।

निगम आयुक्त ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि बोधि स्कुल संचालको को इस मामले में नोटिस जारी किया जायेगा। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि राज्य शासन के विधि विभाग द्वारा इस घोटाले में आरोप पत्र प्रस्तुस करने की अनुमति दिए जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रथम दृष्टया घोटाला हुआ है और ऐसी स्थिति में निगम प्रशासन को बोधि स्कुल को दी गई जमीन की लीज को तुरंत निरस्त कर ऐना चाहिए था।

उल्लेखनीय है कि बोधि स्कूल के भूमि आवंटन के मामले में घोटाले के साफ साफ प्रमाण सामने आ चुके है। इतना ही नहीं सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सक्सेना द्वारा लोकायुक्त को की गई शिकायत के बाद ना सिर्फ लोकायुक्त पुलिस द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है बल्कि विधि विभाग की अनुमति के बाद न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है।

इतना सब कुछ होने के बाद निगम प्रशासन द्वारा बोधि स्कूल की भूमि का लीज आवंटन निरस्त ना किया जाना सिर्फ यही दर्शाता है कि कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया की पकड नगर निगम पर सारे नियम कायदों से उपर है।

उल्लेखनीय है कि लगभग 26 वर्ष पूर्व नगर निगम के तत्कालीन कांग्र्रेसी महापौर जयन्तीलाल जैन पोपी,निगमायुक्त एपीेएस गहरवार और अन्य अधिकारियों ने कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया से सांठ गांठ कर नगर सुधार न्यास की योजना क्र.64 में स्कूल के लिए आरक्षित 34765.56 वर्ग फीट आकार का भूखण्ड क्र.सी -7 सर्वे क्र 167-1,भू माफिया राजेन्द्र पितलिया को एक ऐसी संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल के नाम पर आवंटित कर दिया जिस संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं था। नगर निगम के महापौर और अधिकारियों ने 40 रु. वर्गफीट के भाव की जमीन राजेन्द्र पितलिया को मात्र 10 रु. वर्गफीट के दाम पर आवंटित कर दी थी,जिससे निगम को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हुई थी। इतना ही नहीं इस अस्तित्वहीन संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल ने बाद में यह भूमि बोधि स्कूल को किराये पर दे दी,जिसका सर्वेसर्वा भी भू माफिया राजेन्द्र पितलिया ही है। कमाल ये है कि न्यू रतलाम पौब्लिक स्कुल खुद न्यास की किरायेदार थी तो ऐसी स्थिति में कोई किरायेदार किसी दूसरी संस्था किरायेदार कैसे रख सकता है ?

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